Saturday, June 23, 2018

के उजाला कम भाता है अब हमें

शनिवार की शाम का सुकून
और साथ में हल्की सी बारिश
ठंडी हवा का खिड़की से आना
मौसम की कोई मदमस्त साज़िश
गर्म चाय की चुस्की लेते हुए
नेटफ्लिक्स का पहला मुफ़्त महीना
बड़ी अय्याश हो गई है ज़िन्दगी
कोई लौटा दे वो ज़माना बोरियत का
फिर नज़र डालें मौसम पे
फिर निहारें चाँद तारे
सूरज को फिर भी न देखेंगे
के उजाला कम भाता है अब हमें

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